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Sajda E Sahw नमाज़ में सज्द ए सहव का पूरा तरीका हिंदी में

Sajda E Sahw  नमाज़ में सज्द ए सहव का पूरा तरीका हिंदी में - Namaz Books

Sajda E Sahw नमाज़ में सज्द ए सहव का पूरा तरीका हिंदी में
Sajda E Sahw

    सज्दए सहव (Sajda E Sahw क्या  हैं और उसको करने का सुन्नत तरीका 

    जो चीजें नमाज़ Namaz में वाजिब हैं अगर उनमें से कोई वाजिब भूल से छूट जाए तो उसकी कमी पूरी करने के लये सज्दए सहव (Sajda E Sahw) वाजिब है और इसका तरीका यह है कि नमाज़ के आखिर में अत्तहियात पढ़ने के बाद दाहनी तरफ सलाम फेरने के बाद दो सज्दा करे और फिर अत्तिहयात और दुरुद शरीफ और दुआ पढ़ कर दोनों तरफ सलाम फेर दे 

    अगर कसदन किसी वाजिब को छोड़ दिया तो सज्दए सह्व (Sajda E Sahw) काफी नहीं बल्कि नमाज़ को दुहराना वाजिब है : ( दुमुखार ) 

    मसहालहः  एक नमाज़ Namaz में अगर भूल से कई वाजिब Wajib छूट गए तो एक बार वही दो सज्दए सहव  के सबके लिए काफी हैं चन्द बार संज्दए सह्व की जुरुरत नहीं । 

    ( दुर्रे मुखार सफ्हा ४ ९ ७ ) 


    मसहालहः  पहले कअंदहा में अत्तहियात पढ़ने के बाद तीसरी रकअत के लये खड़े होने में इतनी देर लगा दी कि अल्लाहुम्म सल्ले अला मुहम्मदिन पढ़ सके तो सज्दए सह्व वाजिब Wajib है चाहे कुछ पढ़े या खामोश रहे दोनों सूरतों में सज्दए सह्व  वाजिब है


    इसलिए धेयान रखे की पहले कअंदहा में अतिह्यात ख़तम होते ही फ़ौरन तीसरी रकात  खड़ा हो जाए।  


    • सजदा ऐ सवह (Sajda E Sahw) का मतलब ?

    सजदा ऐ सहव ये एक अरबिक भाषा का वर्ड शब्द है। और इसका मतलब भूलना होता हैं यानि जो का करना हैं उसे भूल कर उसके बदले दूसरा काम कर लेना  को इसको सजदा ऐ सवह कहते हैं 


    नमाज़ में अगर फ़र्ज़  को पहले बाद में करने से नमाज़ में कुछ गलतिया हो जाती हैं या गलती से कोई वाजिब Wajib चीज छूट जाए , इसी कमी को पूरा करने के लिए नमाज़ Namaz में सजदा ऐ सवह आखिरी रकअत में कायदे में अतियतो पढ़ने के बाद और दरूद इब्राहिम के पहले सजदे ऐ सवाह किया जाता हैं  

    Sajda E Sahw नमाज़ में सज्द ए सहव का पूरा तरीका हिंदी में
    Sajda E Sahw

    • सजदा ऐ सवह (Sajda E Sahw) क्यों जरुरी हैं ?

    हर एक मोमिन मुस्लमान जनता हैं की उसका सबसे बड़ा दुश्मन शैतान हैं और शैतान ही उससे अल्लाह के फ़र्ज़ अदा करने से रोकता हैं और उसमे गलतिया करवाता हैं 

    जब एक मोमिन मुस्लमान नमाज़ Namaz पढता हैं तो उसके दिमाग में शैतान तरह तरह के वस्वसे डालता हैं और एक मोमिन मुस्लमान का नमाज़ में दिमाग  भटकता हैं जिसके वजह से उसका नमाज़ में धेयान नहीं रहता और वो गलतिया कर बैठता हैं इस ही गलतिया को सुधार ने और शैतना की तमाम कोशिशों को जो नमाज़ Namaz को बिगड़ने के लिए सजदा ऐ सवह किया जाता हैं जिससे एक नमाज़ी की तमाम छोटी गलतिया नमाज़ में माफ़ हो जाती हैं


    • सजदा ऐ सवह (Sajda E Sahw) की हदीस 

    عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، أَنَّ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ: «إِنَّ أَحَدَكُمْ، إِذَا قَامَ يُصَلِّي جَاءَهُ الشَّيْطَانُ فَلَبَسَ عَلَيْهِ، حَتَّى لَا يَدْرِيَ كَمْ صَلَّى، فَإِذَا وَجَدَ ذَلِكَ أَحَدَكُمْ، فَلْيَسْجُدْ سَجْدَتَيْنِ وَهُوَ جَالِسٌ».

     [صحيح البخاري: 1222، صحيح مسلم: 389]


    ये थी एक सजदा ऐ सवह (Sajda E Sahw) की जानकारी  इसे अपने तक ना रेक इसे शेयर करे और ढेरो साडी निकिया कमाए। - Namaz Books


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    Sajda E Sahw नमाज़ में सज्द ए सहव का पूरा तरीका हिंदी में Sajda E Sahw नमाज़ में सज्द ए सहव का पूरा तरीका हिंदी में Reviewed by IRFAN SHEIKH on December 31, 2020 Rating: 5

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