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जरुरी मकरूहात ए नमाज़ Makroohat E Namaz In Hindi

जरुरी मकरूहात ए नमाज़  Makroohat E Namaz  In Hindi 

जरुरी मकरूहात ए नमाज़  Makroohat E Namaz  In Hindi
Makroohat E Namaz

नमाज़ ए मकरूहात (Makroohat E Nama) की बात करे तो, नमाज़ फ़र्ज़ हैं,  और इस फ़र्ज़  अदा करने के अपने शर्त हैं इसके अपने रूल्स हैं और नमाज़ के मकरूहात (Makroohat E Nama) हैं अगर आप उस रूल्स से हट कर आप  कुछ गलत तरीका करते हैं तो  आप की नमाज़ सही अदा नहीं होती या आप की नमाज़ अदा ही नहीं होंगी 

इसके कुछ नमाज़ ए मकरूहात (Makroohat E Nama) भी हैं जिससे नमाज़ मकरू हो जाती हैं और जो नमाज़ का सवाब एक मोमिन मुस्लमान को मिलना चाहिए वो नहीं मिलता 


मकरुहाते नमाज़ (Makroohat E Nama). 

  • यह चीजें नमाज़ में मकरूह है
  • कोख पर हाथ रखना 
  • आस्तीन से बाहर हाथ निकाले रखना ; कपड़े समेटना 
  • जिस्म के कपड़े से खेलना 
  • उगलियाँ चटखाना
  • दाँए बाँए गरदन मोड़ना 
  • मर्द को जूड़ा गूंध कर नमाज़ पढ़ना 
  • अंगड़ाई लेना 
  • कुत्ते की तरह बैठना 
  • मर्द को सज्दे में हाथ जमीन पर बिछाना 
  • सज्दे में मर्दो के लिये पेट रानों से मिलाना 
  • बिगैर उज़र के चार ज़ानू ( आल्ती पाल्ती ) बैठना 
  • इमाम का मेहराव के अन्दर खड़ा होना 
  • कंक्रियां हटाना मगर जबकि जुरूरी हो तो एक बार जाइज़ है 
  • सामने या सर पर तस्वीर होना
  • तस्वीर वाले कपड़े में नमाज़ पढ़ना
  • कन्धे पर चादर या कोई कपड़ा लटकाना
  • पेशाव , पाखाना या ज़्यादा भूक का तकाज़ा होते हुये नमाज़ पढ़ना 
  • सर खोल कर नमाज़ में खड़ा होना 
  • आँखे बन्द करके नमाज़ पढ़ना 
  • उँगलियाँ चटखाना या कैची बाँधना 
  • कमर पर हाथ रखना 
  • धात या चैन वाली घड़ी पहन कर नमाज पढ़ना
  • फासिके मोअलिन के पीछे नमाज़ पढ़ना मस्लन जो विला उज्र जमाअत या नमाज़ तर्क करता हो उसके पीछे नमाज़ मकरूह है । 

जरुरी मकरूहात ए नमाज़  Makroohat E Namaz  In Hindi
Makroohat E Namaz

तफ़्सीर से मकरूहात ए नमाज़  ((Makroohat E Nama))

कोख पर हाथ रखना 

हाथो को गलता जगह पर नमाज़ की हालत में रखना गलत हैं मर्दो को चाहिए की अपने दोनों हाथ नाफ के ऊपर या नाफ के निचे रखे। नाफ में रखने का असल मकसद ये  हैं की शैतान नमाज़ के हालत में हर मोमिन ईमान वाले को भयकाता हैं और वो इंसानो  के अंदर दाखिल हो के नाफ के रस्ते इंसानो को वस्वसे में डालता हैं इसलिए हाथ सही और नाफ के निचे ऊपर बांदे 


आस्तीन से बाहर हाथ निकाले रखना ; कपड़े समेटना 

जल्दी जल्दी में नमाज़ पढ़ने के चक्कर में कभी कभी जमात छूट ना जाए इसलिए हाथो की आस्तीन हम निचे नहीं करते  लापरवाही से आस्तीन से हाथ बहार ही रहते है इससे नमाज़ में कमी होती है और ऐसी नमाज़ बरोजे कयामत मुँह पे फेक मारी जाएंगी 


जिस्म के कपड़े से खेलना 

नमाज़ में धेयान ना  होने से और नमाज़ कब ख़तम हो इस चक्कर में हम अपने उंगलियों से कपडे से खेलते हैं और अगर हमें जरा सा कपड़ो में कुछ गलत नज़र आता हैं तो हम उसे  ठीक करने लगते हैं जो की बहुत गलत हैं और सारा धेयान सिर्फ और सिर्फ नमाज़ में होना चाहिए 


उगलियाँ चटखाना

उंगलिया चटकने की ये हरकत अक्सर लोगो में पाई गई हैं  नमाज़ के हालत में या जिससे उगलिया तोड़ना बोलते हैं इससे बचे 


दाँए बाँए गरदन मोड़ना 

हमारा धेयान हमारी नमाज़ में काम और आजु बाजू लोगो की नमाज़ में ज्यादा होता हैं की किसने क्या पहना बाजु में कोण  हैं और कोई हमारे बाजु वाला गलत हरकत या कुछ करदे नमाज़ की हालत में तो हम उसे देखने लगते हैं गर्दन घुमाकर  गलत हैं 


मर्द को जूड़ा गूंध कर नमाज़ पढ़ना

नमाज़ में बालो को लड़कियों जैसे जुड़ा बनाकर गोल सा नमाज़ अदा करना गलत हैं  


अंगड़ाई लेना 

नमाज़ में अक्सर सुस्ती आती हैं और बहुत से लोग अंगड़ाइयां लेना चालू कर देते हैं इससे धेयान आराम  सोने  चला जाता हैं 


कुत्ते की तरह बैठना 

नमाज़ का तरीका ना जाने से इंसान ओलमा से बताई हुई और सुन्नत तरीके से नमाज़ नहीं पढ़ते  और नमाज़ में बैठने का स्टाइल कुत्तो जैसा होता हैं इंसानो जैसा नहीं 


मर्द को सज्दे में हाथ जमीन पर बिछाना 

अगर आप मस्जिदों में नमाज़ का और लोगो  तरीका देखंगे तो हर मर्द अपने तरीके से और अपने अदा से हाथो को नमाज़ में बिछाता हैं 


सज्दे में मर्दो के लिये पेट रानों से मिलाना

कमर में जान ना रखकर मर्द अक्सर  अपने पैरो की रानो को पेट से मिला बैठ ता हैं और ये गलत तरीका हैं  


बिगैर उज़र के चार ज़ानू ( आल्ती पाल्ती ) बैठना , इमाम का मेहराव के अन्दर खड़ा होना , कंक्रियां हटाना मगर जबकि जुरूरी हो तो एक बार जाइज़ है 


सामने या सर पर तस्वीर होना

आज कल टोपी भी नए नए तरीके की और अजब गजब फैशन की लोग सर पर पहनकर नमाज़ में सर पर इस्तेमाल करते हैं जिसमे तस्वीरें भी बानी रहती हैं जैसे मॉडल्स लोग या फिल्मो में सर पर फैशन के लिए इस्तेमाल होती हैं  


तस्वीर वाले कपड़े में नमाज़ पढ़ना

आज फैशन में डूबी दुनिया नमाज़ में भी फैशन भरे कपडे पहनकर नमाज़ पढता हैं और नमाज़ को फैशन के तौर पर देखती हैं जो की बहुत बड़ा गुन्हा हैं नमाज़ में देन भरे कपडे तस्वीरों वाले पहनकर  नमाज़  सादगी को भूल जाते हैं 


कन्धे पर चादर या कोई कपड़ा लटकाना, गमछा रुमाल या कोई किसम का कपडा लटकाना नमाज़ की हालत में गलत हैं 


पेशाव , पाखाना या ज़्यादा भूक का तकाज़ा होते हुये नमाज़ पढ़ना 

नमाज़ ऐसे टाइम पर नहीं होती जब आप नमाज़ की हालत में या नमाज़ के पहले से ही आप को पता हैं की  मुझे भूक प्यास या पेशाब लगी है और आप फिर भी नमाज़ के  खड़े हो  हैं और नमाज़ के हालत में आप पूरा टाइम भूक प्यास और पेहसाब के बारे सोचते है इससे  नमाज़ का ना होना बेहतर हैं 


इस तरह नमाज़ के मकरूहात (Makroohat E Namaz) हैं और इसे सीखना पढ़ना पढ़ कर याद रखें जरुरी है एक मोमिन के लिए और सिर्फ याद करके अमल करना इसके अलावा अपने क़रीबो दोस्तों और रिश्तेदारों से नमाज़ के मकरूहात (Makroohat E Namaz) को शेयर करे इस पोस्ट की लिंक जहा जहा हो सके शेयर करे। 


जरुरी मकरूहात ए नमाज़ Makroohat E Namaz In Hindi जरुरी मकरूहात ए नमाज़  Makroohat E Namaz  In Hindi Reviewed by IRFAN SHEIKH on December 31, 2020 Rating: 5

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